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बंदे में है दम

‘नई ज़िंदगी’ देने वाला अर्थलिंग ट्रस्ट

आपने कभी सड़क किनारे पड़े किसी घायल कुत्ते को देखा है या किसी ऐसे डॉगी को देखा है जो कभी किसी का पालतू रहा और उसके बीमार या बूढा होने पर उसे पालने वाले ने उसे सड़क पर छोड़ दिया हो। हम अक्सर ऐसे डॉगी को देखते हैं और फ़िर नज़रें फेर कर आगे बढ़ जाते हैं, उन्हें उसी हालात में छोड़ कर। आज इंडिया स्टोरी प्रोजेक्ट दो ऐसे लोगों की कहानी लेकर आया है जो ना केवल ऐसे कुत्तों की देखभाल कर रहे हैं बल्कि उनका इलाज भी करवा रहे हैं।

यमुना के किनारे ‘अर्थलिंग का आसरा’

दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 127 में मेन रोड से क़रीब 2-3 किलोमीटर यमुना की तरफ़ बढ़ने पर चाहरदीवारी से घिरा एक कैंपस है। यही है सैकड़ों बेसहारा कुत्तों का आसरा। यहां आपको वैसे कुत्ते दिखाई देंगे जो अपंग, अपाहिज, गंभीर रूप से बीमार हों और वो भी जो ऐसी बीमारियों से जूझ कर, अच्छे इलाज से ठीक हुए हों। ये अर्थलिंग ट्रस्ट है जिसके संचालक हैं सागरिका और दितेज।

अर्थलिंग के इस सफर की शुरुआत हुई साल 2018 में जब दितेज और सागरिका ने कुत्तों से अपने प्यार को एक आकार देने का फैसला किया। किराये पर एक ज़मीन लेकर वहां अर्थलिंग की बुनियाद डाली। वहां सागरिका और दितेज ने बूढ़े और बीमार कुत्तों का इलाज शुरू किया। धीरे-धीरे अर्थलिंग का कारवां बढ़ता गया। दोनों ने कई बीमार और घायल कुत्तों का इलाज किया। अर्थलिंग ट्रस्ट में 100 से ज़्यादा कुत्ते हो गए।

अलग-अलग शेल्टर

अर्थलिंग ट्रस्ट में रहने वाले कुत्तों के लिए अलग-अलग वार्ड की व्यवस्था की गई। बड़े डॉगीज़ के लिए अलग बाड़ा है, घायलों के लिए अलग व्यवस्था, जो इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं उनके लिए अलग बाड़ा। घायल डॉगीज़ के लिए दवा और ऑपरेशन तक की व्यवस्था अर्थलिंग ट्रस्ट करता है। इन सभी कुत्तों को उनके हिसाब से खाने का इंतज़ाम किया जाता है। सभी डॉगीज़ के लिए बेड की व्यवस्था की गई है। नियमित तौर पर शेल्टर होम की साफ-सफाई की जाती है। अब तक अर्थलिंग ट्रस्ट सैकड़ों घायल और बीमार कुत्तों का इलाज करवा चुका है।

डॉग्स लवर के लिए संदेश

दितेज और सागरिका सोशल मीडिया पर काफ़ी एक्टिव हैं। अर्थलिंग ट्रस्ट के नाम से उनका पेज भी है। वो अक्सर इसमें अपने ट्रस्ट में पल रहे कुत्तों की तस्वीरें और वीडियो डालते हैं। इसके साथ ही वो घायल कुत्तों की मदद करने, पालतू कुत्तों की देखभाल करने की जानकारी भी शेयर करते रहते हैं।

कई मददगार भी जुड़े

अर्थलिंग ट्रस्ट को इन सभी डॉगीज़ की देखभाल के लिए काफ़ी पैसों की ज़रूरत पड़ती है। ज़मीन के किराये, कुत्तों के लिए खाना, इलाज का खर्च काफ़ी होता है। दितेज और सागरिका कुत्तों की देखभाल के साथ-साथ पैसों के इंतज़ाम में जुटे रहते हैं। उनके काम से प्रभावित हो कर कई लोग और संस्थाएं उनकी मदद के लिए आगे आती रही हैं।

उम्मीद है दितेज और सागरिका का अर्थलिंग ट्रस्ट यूं ही इन बेज़ुबानों की सेवा करता रहेगा। अगर आप भी इन बेज़ुबानों के लिए कुछ करना चाहते हैं तो अर्थलिंग ट्रस्ट से जुड़ सकते हैं।