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बंदे में है दम

हरि सिंह गोंड का पहाड़तोड़ जज़्बा

माऊंटेन मैन कहें या वाटर मैन ? उन्हें कोई माऊंटेन मैन कहता है, कोई वाटर मैन बुलाता है तो कोई मध्यप्रदेश का दशरत मांझी पुकारता है। जिस नाम से उन्हें बुला लीजिए, उनका नाम नहीं काम बोल रहा है। हरि सिंह ने ऐसा काम कर दिखाया है जिसके पीछे उनकी मेहनत और लगन से ज़्यादा उनका प्यार है। आज इंडिया स्टोरी प्रोजेक्ट में कहानी मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले के हरि सिंह की।

कोई हरि सिंह को पहाड़ तोड़ते देख ले तो हैरान हो जाए। बात कर ले तो उसे पागल या सनकी समझने लगे। हां हम उन्हें सनकी कह सकते हैं लेकिन हक़ीक़त यही है कि उनकी इस सनक ने पहाड़ का सीना चीर कर पानी निकाल दिया है।

सीधी ज़िला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर बसा है गांव बरबंधा। क़रीब 3 हज़ार की आबादी वाला ये गांव आज भी पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। लोगों को पानी लाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। गांव के लोग इस तक़लीफ़ के अभ्यस्त हो चुके थे लेकिन हरि सिंह नहीं।

हरि सिंह ने हालात से समझौता नहीं किया

ये बात आज से क़रीब तीन-साढ़े तीन साल पहले की है। हरि सिंह रोज़ अपनी पत्नी को पानी के लिए संघर्ष करते देखा करते थे। उन्हें अपनी पत्नी की परेशानी देखी नहीं जा रही थी। उन्होंने पंचायत में अपनी ज़मीन पर कुआं खुदवाने की अर्जी डाली लेकिन कोई ना कोई बहाना कर उनकी अर्जी टाल दी गई। आख़िरकार उन्होंने एक ऐसा फ़ैसला लिया जिसने सभी को चौंका दिया। उन्होंने चट्टानों से घिरे एक पहाड़ को खोद कर कुआं बनाने का निश्चय किया।

आसान नहीं था पहाड़ तोड़ना

हरि सिंह ने कुआं खोदने का फ़ैसला तो कर लिया लेकिन ये हक़ीक़त में बहुत कठिन काम था। जहां कुआं खोदना था वहां केवल और केवल चट्टानें थीं। मिट्टी का नाम-ओ-निशां तक नहीं था। लेकिन हरि सिंह नहीं रुके। चट्टानों को तोड़ने का सिलसिला जारी रखा। जब पत्नी सियावती और बच्चों ने पिता को इस काम में जुटे देखा तो वो भी साथ आ गए। पिछले 3 सालों में हरि सिंह और उनके परिवार ने मिल कर पहाड़ चीर डाला है। 20 फीट चौड़ा और 60 फीट गहरा कुआं किसी को भी आश्चर्य में डाल सकता है।

पत्नी को पिलाया पहला घूंट पानी

कुछ समय पहले कुएं में हरि सिंह को पानी मिल गया। पानी मिलने के बाद उनका उत्साह दोगुना हो गया। साफ़ पानी मिलने पर उन्होंने पहला घूंट अपनी पत्नी को पिलाया। पानी मिलने के बाद वो रूके नहीं हैं। उन्होंने ठान लिया है कि जब तक कुएं से पर्याप्त पानी नहीं निकलने लगेगा वो खुदाई जारी रखेंगे।

पानी निकालने के लिए बनाया यंत्र

हरि सिंह जानते हैं कि इतने गहरे कुएं से पानी निकालना भी चुनौती भरा काम होगा। कुएं में गिरने का भी ख़तरा बना रहता है। ऐसे में उन्होंने अपने देसी जुगाड़ से एक यंत्र बनाया है। इसकी मदद से वो कुएं से पानी निकालते हैं।

हरि सिंह के इस जज़्बे से गांव में पानी का एक नया स्रोत मिल गया है। उम्मीद है कि उनकी ये मेहनत पूरी तरह कामयाब होगी और कुएं से पर्याप्त पानी निकलने लगेगा जिससे गांव के दूसरे लोगों की भी मुश्किल हल हो जाएगी। हरि सिंह के इस जज़्बे, हिम्मत और प्यार को इंडिया स्टोरी प्रोजेक्ट सलाम करता है।