Home » यूपी उच्च न्यायिक सेवा में अव्वल मंजुला
बंदे में है दम

यूपी उच्च न्यायिक सेवा में अव्वल मंजुला

आमतौर पर माना जाता है कि शादी-ब्याह के बाद महिलाओं की पढ़ाई लिखाई मुश्किल हो जाती है और नौकरी-चाकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी तो दूर की बात है। लेकिन ये नारी शक्ति है। एक बार ठान ले तो हर मुश्किल को पार कर मंज़िल तक पहुंच ही जाती है। आज इंडिया स्टोरी प्रोजेक्ट की कहानी ऐसी ही नारी शक्ति की है जिसने अपनी पारिवारिक ज़िंदगी को मुश्किल नहीं बल्कि एक मजबूती के तौर पर लिया और अपने लक्ष्य को पा लिया। ये कहानी है मंजुला भलोठिया की।

कामयाबी का परचम लहराया

मंजुला भालोटिया ने यूपी उच्चतर न्यायिक सेवा परीक्षा में टॉप किया है। इस परीक्षा को पास कर वो जज बनी हैं। लेकिन उनकी ये कामयाबी सिर्फ़ उनकी नहीं है। ये उनके पूरे परिवार की मेहनत और तपस्या का परिणाम है। ख़ास तौर पर चर्चा उनके पति सुमित की हो रही है। 12 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी उच्च न्यायिक सेवा का परिणाम जारी किया। कुल 31 चयनित अभ्यार्थियों में मंजुला अव्वल आईं। दो बच्चों की मां मंजुला अब जज बनने जा रही हैं तो उनके और उनके परिवार की चर्चा चारों ओर गूंज रही है।

परिवार के साथ से पाया मुक़ाम

मूल रूप से जयपुर की रहने वाली मंजुला बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी थी। किसान परिवार में जन्मी मंजुला ने साल 2003 में ग्रेजुएशन किया और फ़िर एमबीए के लिए लंदन चली गईं। 2005 में उनका एमबीए पूरा हुआ। साल 2009 में मंजुला ने हरियाणा के रोहतक के रहने वाले सुमित अहलावत से शादी कर ली। इसके बाद मंजुला जयपुर से रोहतक आ गईं। शादी के बाद उन्होंने एलएलएम करने का फ़ैसला किया। परिवार और दो बच्चों की देखरेख के साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। इसमें उनके पति ही नहीं ससुरालवालों का भी पूरा साथ मिला।

पति ने नौकरी छोड़ संभाला घर

क़ानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद मंजुला ने तय किया कि उन्हें जज बनना है। जब उन्होंने इस बात को अपने पति और घरवालों को बताया तो सबने उनका हौसला बढ़ाया। सबको विश्वास था कि मंजुला ने जो तय किया है वो उसे पा सकती हैं। हालांकि परीक्षा की तैयारी के लिए ज़्यादा वक़्त चाहिए था और घर को मैनेज करना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में उनके पति सुमित ने अपनी बैंक की नौकरी छोड़ दी और घर संभालने लग गए। परिवार का साथ और मंजुला की मेहनत रंग लाई। साल 2017 में मंजुला हरियाणा में एडीए के पद पर चुनी गईं लेकिन उनका लक्ष्य अभी बाक़ी था। उन्होंने साल 2020 में यूपी न्यायिक सेवा की परीक्षा दी। अगस्त 2022 में इस परीक्षा के लिए इंटरव्यू लिये गए और 12 सितंबर को इसका रिज़ल्ट आया जिसमें मंजुला ने टॉप किया।

कामयाबी पर गर्व

मंजुला की इस कामयाबी पर परिवार में ख़ुशी का माहौल है। सास-ससुर को अपनी बहू की इस उपलब्धि पर फ़क़्र है तो पति और बच्चे ख़ुशी से फूले नहीं समा रहे। मंजुला की इस उपलब्धि से जयपुर से लेकर रोहतक तक उत्साह है। उनकी कामयाबी ये भी बता रही है कि परिवार आपके लक्ष्य को पाने में आपका भागीदार, आपका साथी भी हो सकता है।