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बंदे में है दम

साड़ी वाली सेक्सोफ़ोन सिस्टर्स

कोरोना ने हमें क्या क्या नहीं दिखाया है। दुख, दर्द, अपनों का साथ छूटना, विस्थापन हमने सब देखा… लेकिन, आज बात कोरोना से मिले दुख नहीं सुख की… कोरोनाकाल ने हमें एक दूसरे के पास पहुंचाया। हम में से कइयों को वो सब सिखा दिया जिसके बारे में हम सोचते भी नहीं। प्रिया और चुमकी भी ऐसी ही दो महिलाएं हैं जिन्हें ये समय नया साज बजाना सिखा गया, आत्मनिर्भर कर गया। प्रिया और चुमकी पश्चिम बंगाल के पश्चिमी बर्धमान जिले की रहनेवाली हैं और रिश्ते में एक दूसरे की जेठानी- देवरानी हैं। ये रिश्ता आमतौर पर कुछ नोकझोंक वाला होता है, लेकिन ये दोनों तो सुर से सुर मिलाने में लग गईं।

पश्चिमी बर्धमान ज़िले की पानागढ़ के बादायकर परिवार का पेशा शादियों में सेक्सोफोन, ट्रम्पेट, बांसुरी जैसे वाद्य बजाने का था। पिता अपने दोनों पुत्रों के साथ मिलकर इस काम करते थे और एक सम्मानजनक जीवन बिता रहे थे। लेकिन, फिर आया कोरोना और साथ लाया लॉकडाउन। शादियों-पार्टियों पर ब्रेक लगा तो इनके पेशे पर भी ग्रहण लग गया। सभी घर पर बैठे हुए थे। तो एक दिन इन दोनों ने सोचा कि क्यों ना हम भी सेक्सोफ़ोन बजाकर देंखें। बस फिर क्या था दोनों पहुंच गयी अपने ससुर पबन बादायकर के पास। ससुर ने भी अपनी दोनों बहुओं को सहर्ष इसे सिखाना शुरू कर दिया। दोनों बहुओं ने कभी कोई काम नहीं किया, ना कभी कुछ करने के बारे में सोचा लेकिन लॉकडाउन ने इन्हें नई सोच दे दी और इन दोनों ने ऐसा सेक्सोफ़ोन बजाया कि वो सेक्सोफ़ोन सिस्टर्स के नाम से प्रसिद्ध हो गयी।

प्रिया और चुमकी को उनके पतियों का भी भरपूर साथ मिला। लॉकडाउन के दौरान इन दोनों ने ख़ूब अभ्यास किया और जब लॉकडाउन खुलने के बाद चीज़ें सामान्य होना शुरु हुईं तो इनके मन भी उम्मीद जागी इसे प्रोफेशनली बजाने की। लेकिन बात यहां आकर अटकी कि आख़िर कैसे और कब वो इन्हें सार्वजनिक तौर पर बजाना कैसे शुरु किया जाये। इन दोनों को ये मौक़ा भी घर के ही एक कार्यक्रम में हुआ। इन्होंने घर में हुई मंसा माता की पूजा में इसे सभी के सामने बजाया। इनका सेक्सोफ़ोन सुनकर हर कोई मंत्र मुग्ध हो गया। कइयों ने जहां खुलकर तारीफ़ की तो कइयों ने सवाल भी उठाया। लेकिन ये जोड़ी नहीं रुकी। आज बर्धमान ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों में ये देवरानी-जेठानी की ये जोड़ी सुपरहिट है। दो साल की साधना आज उनके लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही है।

बदायकर परिवार पुश्तों से बैंड में वाद्ययंत्र बजाने का ही काम करता आया है। इस वक्त मनोज ब्रास बैंड के नाम से परिवार का बैंड चल रहा है। मनोज प्रिया के पति का नाम है और वो इस बैंड के लीड सेक्सोफ़ोन प्लेयर हैं। आज 27 साल की प्रिया और 24 साल की चुमकी भी इस बैंड में सेक्सोफ़ोन प्लेयर के रूप में जुड़ गयी हैं। सेक्सोफ़ोन सिस्टर्स आज धूम मचा रही हैं। लोग जो पहले सवाल करते भी थे आज इनके लिए तालियां बजा रहे हैं। समाज में बदलाव की मिसाल बन चुकी ये जोड़ी कई और लड़कियों के लिए भी नये रास्ते खोल रही हैं। आज इनके पारिवारिक मनोज ब्रास बैंड के अलावा उनका एक अलग बैंड भी है जिसमें उनकी 10 साल की भांजी संगीता भी शामिल हो चुकी हैं। ये तीनों आज मिलकर धूम मचा रही हैं और इनके सास, ससुर और पति इनका साथ निभा रहे हैं।

देवरानी-जेठानी के इस सेक्सोफ़ोन जोड़ी को इंडिया स्टोरी प्रोजेक्ट का सलाम।