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बंदे में है दम

रतलाम के जोड़े का कमाल

13 सितंबर 2022 यानी ठीक दो दिन पहले, सुबह 6 बजे अफ़्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारों पर तिरंगा लहराने लगा। 19341 फ़ीट की ऊंचाई पर भारतीय राष्ट्र गान गूंजने लगा। इस कमाल को करने वाले ख़ुद अपने आप में कमाल हैं। आज इंडिया स्टोरी प्रोजेक्ट में कहानी इसी कमाल को कर दिखाने वाले अनुराग और सोनाली की।

कीर्तिमान रचने वाला पहला भारतीय दंपती

किलिमंजारो पर्वत की ऊंचाई नापने वाले ये हैं सोनाली और अनुराग। पति-पत्नी की ये जोड़ी पहली भारतीय जोड़ी है जिसने किलिमंजारो की चोटी चूमी है, वहां तिरंगा लहराया है। तंजानिया में पड़ने वाला ये पवर्त बेहद ख़तरनाक माना जाता है। 19,341 फ़ीट यानी 5,895 मीटर की ऊंचाई वाले इस पर्वत पर तापमान -15 से -20 डिग्री तक था, लेकिन मध्य प्रदेश के रतलाम के रहने वाले सोनाली और अनुराग ने इस ख़तरों का ना केवल सामना किया बल्कि उन्हें शिकस्त देते हुए चोटी तक पहुंचे भी। किलिमंजारो के अपने महत्वाकांक्षी अभियान के लिए ये दंपती 12 सितम्बर की रात 11 बजे निकला था और मात्र 7 घंटे की चढ़ाई कर सुबह 6 बजे उन्होंने चोटी पर तिरंगा लहरा दिया। वहां जन-गण-मन गाया। इतना ही नहीं उस ऊंचाई और जमा देनी वाली ठंड में दोनों ने सूर्य नमस्कार भी किया।

नौकरीपेशा हैं अनुराग और सोनाली

अनुराग चौरसिया और सोनाली परमार नौकरीपेशा दंपती हैं। अनुराग बैंक ऑफ बड़ौदा में काम करते हैं जबकि सोनाली पटवारी हैं। दोनों की पोस्टिंग रतलाम में ही है। दोनों का 2 साल का एक बेटा है रुद्रांजन। जब अनुराग और सोनाली इस अभियान के लिए गए थे तब रुद्रांजन अपने दादा-दादी के साथ था। इस अभियान में दोनों को अपने परिवार का पूरा सहयोग मिला।

बहुमुखी प्रतिभा का धनी है ये जोड़ा

नौकरी के साथ-साथ दोनों कई सकारात्मक गतिविधियों में शामिल रहते हैं। माउंटेनियरिंग से दोनों का प्यार दुनिया ने देख लिया। इस अभियान के लिए अनुराग और सोनाली ने क़रीब 6 महीने की कड़ी ट्रेनिंग ली। जब ट्रेनिंग में पूरी तरह कामयाब हुए तब किलिमंजारो की चोटी का अभियान शुरू किया।
अनुराग एक ज्योतिषि भी हैं। उन्होंने ज्योतिष शास्त्र में आचार्य की पदवी हासिल की है। वो एक कवि भी हैं। सोशल मीडिया पर दोनों मनोरंजक और ज्ञानवर्धक पोस्ट और रील्स भी बनाते हैं।

अनुराग और सोनाली को उनकी इस कामयाबी के लिए बधाई। उम्मीद है कि वो आगे भी इसी तरह के मुक़ाम हासिल करते रहेंगे।